आलू

                               आलू

आलू सार्वभौम है अति प्राचीन काल से इसको देखा गया है और जमीं से जुड़ा निराला प्यारा वैज।सब्जी तरकारी में छोटों बड़ों की पहली पसंद ,जाने कितनी सब्जियां आई और लुप्त हुई पर आलू जैसा कोई नहीं निर्धन हो या अमीर सेठ हो या फकीर दोनों चटकारे  ले लेकर इसको खाते हैं पकाते हैं।वास्तव में यह सब सब्जियों संग मेल मिलाप रखता है तभी आज तक जिन्दा है सस्ता और अनेक नस्लों में बिना व्यवधान के मिल जाता है कहीं पहाड़ी तो कहीं नया या पुराना और जाने क्या क्या पर मैं बिना संकोच के इसे अपनी पहली पसंद मानता हूं ये छोटे बड़े ठिगने मोटे आकारों में मिल जाता है मेल सब्जी हो या फिमेल दोनों संग मस्त रहता है प्रभु भक्ति व्रत त्योहारों में इसका कोई सानी नहीं कटने या पकने के बाद भी मुस्कुराहट बरकरार रहती है अब तोचिप्स समोसा पकोडा आदि का भी इसके बिना आस्तित्वहीन ही है।सारी सब्जिया दाल चने राजमा पनीर आदि जब चाहे दम तोड़ने लगते है पर आलूहमेशा मस्त रहता है।कटहल सरीखा तो हमेशा साथ आने की चाह रखता है टमाटर आलू का सबसे प्यारा सखा है जो उसके दिल में बसा है।
                              @मनोज शर्मा

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