एक वर्ष

 बीते तुम 

एक बर्ष और
अब
ठहर अभी
एक पल
अभी भी कुछ बाकी है
रोज़ नये से
कुछ बदले
तुम पुनः लौट आते हो

मनोज शर्मा

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