पहचान

 क्या मैं आपको जानता हूं या क्या आप मुझे जानते हैं? आप शायद ये सोच रहे होंगे कि ऐसा मैं आपसे क्यों पूछ रहा हूं।वो इसलिए कि इससे फर्क पड़ता है शायद आपको भी और मुझे भी।आप मेरा परिचय मेरे नाम से ही जानते होंगे और फिर मेरी पहचान मेरे नाम तक ही सीमित रह जाती है आपसे में उतना ही वाकिफ़ हूं जितना कोई और हो सकता है। सारांश में कहा जाए तो हम दोनों एक दूसरे के बारे में उतना ही जानते हैं जितना हमें जानना चाहिए..।

मनोज शर्मा

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
उम्दा

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